9 तरीकों से लोगो को आकर्षित करे । 9 Tricks How to Influence Others in Hindi | logo ko aakarshit kaise kare | लोगों को आकर्षित करे | कैसे दूसरों को आकर्षित करें । How to influence others | logo ko aakarshit kare | आकर्षण कैसे करे | how to influence others in hindi| how to win friends
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इंसान को अपने कार्यक्षेत्र में सफल होने के लिए यह आवश्यक है कि वो अपने प्रति या अपने काम के प्रति दुसरो को आकर्षित करें। दुसरो को केवल आकर्षित करना ही नही होता है बल्कि सकारात्मक तौर पर आकर्षित करना होता हैं। अतः लोगों को आकर्षित करने के कुछ तरीको पर इस लेख में चर्चा की गयी हैं । जिसके तहत हम दूसरों को सकारात्मक तौर पर आकर्षित कर सकते हैं। (logo ko aakarshit kare)
निम्न विशेषताओं को अपने व्यक्तित्व में समाहित करके हम दूसरों को आकर्षित कर सकते हैं (लोगों को आकर्षित करे / logo ko aakarshit kare )
1. प्रामाणिक बने-
प्रामाणिकता किसी के व्यक्तित्व का वह गुण हैं जिसके आधार पर एक व्यक्ति अन्य व्यक्ति पर विश्वास कर सकता हैं। अगर किसी व्यक्ति के जीवन मे प्रामाणिकता का अभाव होगा तो न तो वो किसी व्यक्ति को आकर्षित कर पायेगा और जो व्यक्ति अभी उसके संपर्क में हैं, उन्हें भी ज्यादा अधिक समय तक अपने साथ बांधे नहीं रख पाएगा। अतः हमें कोशिस करनी चाहिए कि हमारे जीवन , हमारी बातों में अगले को एक प्रामाणिकता का एहसास अवश्य होना चाहिए। अतः जीवन में प्रामाणिकता को अपनाकर लोगो को आकर्षित करें (logo ko aakarshit kare)।
2. गलती स्वीकारना सीखें –
जीवन में जो गुण व्यक्तियों को सबसे मुश्किल लगता हैं; वह हैं ,अपनी गलती स्वीकारना। आमतौर पर कहा जाता हैं कि अपनी गलती स्वीकार करना एक बुज़दिल व्यक्ति की बात नही हैं। ये सत्य भी है जो व्यक्ति बहादुर , समझदार और सामाजिक-नागरिक मूल्यों के प्रति जागरूक होगा। वही अपनी गलती स्वीकारने की हिम्मत रख सकता हैं। जैसे जैसे व्यक्ति में ज्ञान , समझदारी का स्तर बढ़ता है वैसे वैसे ही उसमें सरलता , सजगता ,सहजता के गुण भी बढ़ते जाते हैं। यह अत्यंत आवश्यक है कि अगर आपको अगले व्यक्ति को अपने समर्थन में लेना है तो अपनी गलती को स्वीकार करें। इस झूठे अहम से बाहर आना अत्यंत आवश्यक है कि गलती स्वीकारना बुज़दिल का काम होता हैं। गलती स्वीकार करना एक बहादुर व्यक्ति का काम होता हैं। गलती स्वीकार करने से अगले को आपके अहंकार शून्य होने का प्रमाण मिलता हैं । औऱ अगला व्यक्ति आपसे भावनात्मक तौर पर जुड़ाव महसूस करता हैं (logo ko aakarshit kare)।
3. माफ़ करना सीखें –
जिस प्रकार अपनी गलती स्वीकार करना आवश्यक होता हैं। उसी प्रकार दुसरो को माफ करना भी अत्यंत आवश्यक होता हैं। इंसान के अंदर जितना अधिक दूसरों को देने की भावना का विकास होता हैं; उतनी ही सकारात्मक ऊर्जा का विकास व्यक्ति के व्यक्तित्व में होता हैं। माफ़ करने से जहाँ अगले को आपकी संवेदनशीलता का एहसास होता है वही उसे आपके अहंकार शून्य होने का भी प्रमाण मिलता हैं।
4. मुस्कान के साथ मिले-
जब भी किसी से मिले तो चेहरे पर हल्की सी मुस्कान और प्रसन्नता के साथ मिले। चेहरा आपके मन के भावों का प्रतिबिंब होता हैं। अगर आप उदास होकर किसी से मिलते है तो आप अगले व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव नही छोड़ पाएंगे। मुस्कान व्यक्तियों के बीच संबंध बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। जब अगले को आपकी सकारात्मकता का एहसास होगा तभी वो आपकी ओर आकर्षित होगा।
5. समानता ढूंढे –
जब कोई व्यक्ति अपने शहर से दूर होता है । तो अगर उसे वहाँ कोई अपने शहर का मिल जाता है तो वो बहुत जल्द ही एक संबंध स्थापित कर लेता है। उसी प्रकार अगर किसी अन्य राज्य में होता है, तो वहाँ भी अपने राज्य के व्यक्ति से बहुत जल्द संबंध स्थापित हो जाता हैं। और ऐसा ही दूसरे देश मे अपने देश के व्यक्ति के मिल जाने से हो जाता हैं। अतः जब भी किसी से बात करें तो अपने में और सामने वाले व्यक्ति में कुछ समानता ढूंढने के प्रयास अवश्य करें। अगर सामने वाले व्यक्ति से समानता को आधार बना कर बात करने का प्रयास करेंगे तो वो आपके प्रति बहुत जल्द और एक प्रगाढ़ संबंध के साथ आकर्षित होगा।
6. प्रतिबद्ध बने –
एक प्रतिबद्ध व्यक्ति का सम्मान और माँग हर क्षेत्र में रहती ही हैं। अगर आप अपनी बात पर दृढ़ हैं और अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें समय और सही से पूरा करते है; तो लोग खुद ही आपकी ओर आकर्षित होते हैं। अतः अपने वादों और कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध बने।
7. निंदा मत करें-
जो व्यक्ति निंदा करता हैं ये उसके दिमाग़ के लिए ही एक मंद ज़हर की तरह कार्य करती हैं। कोई व्यक्ति जितनी किसी की निंदा करता हैं वो अपने दिमाग़, मन को उतनी ही हानि कर रहा होता हैं। निंदा को अगर एक बीमारी कहे तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी। निंदा एक ऐसी बीमारी है जो अंदर ही अंदर धीरे धीरे हमे खत्म करने का कार्य करती हैं। अतः किसी की भी निंदा से बचे। अगर किसी के सामने हम किसी की निंदा करते हैं । तो उसके सामने हम अपनी ही छवि को ह्रास कर रहे होते हैं। अतः हमारा व्यक्तित्व ऐसा नही होना चाहिए। क्योंकि ऐसे व्यक्तित्व किसी को प्रभावित तो अवश्य करता है परंतु नकारात्मक तौर पर न कि सकारात्मक तौर पर।
8. दूसरों के सही कार्य की प्रशंसा करें-
अगर कोई व्यक्ति समाजहित में या किसी क्षेत्र में भी कोई सकारात्मक कार्य कर रहा हैं। उसके द्वारा किए गए कार्य समाज, कानून की नज़र में वैध है। साथ ही समाजहित में भी हैं। तो ऐसे व्यक्तियों की प्रसंशा अवश्य कीजिये। जब आप किसी की प्रशंसा कर रहे होते है तो एक तो ये दर्शाता है कि आपके व्यक्तित्व में नेतृत्व की भावना हैं। दूसरा ये आपकी विश्लेषण क्षमता को भी इंगित करता हैं। तीसरा ये इंगित करता है कि आपमे कुछ नया स्वीकार करें की हिम्मत हैं । जिससे अगला व्यक्ति आपकी ओर आकर्षित होता हैं।
9. अपने क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त करें-
जिस प्रकार फूल में विद्धमान रस भवरे को आकर्षित करता हैं । उसी प्रकार एक ज्ञानी व्यक्ति भी समाज को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। अतः आप जिस भी क्षेत्र में कार्य करते है उसी क्षेत्र में निरंतर ज्ञान प्राप्त करते रहे। अगर आप अपने क्षेत्र में अच्छा ज्ञान रखेंगे तो खुद ही लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे।
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